सोमवार, 16 मार्च 2009


खुदा ने आदमी भी चीज क्या लोगों बनाई है
गमों के दायरे में आंख जिसकी मुस्कराई है
जिंदगी भी बहुत कुछ दे के उससे छीन लेती है
कभी कर्मों का धोखा है कभी किस्मत पराई है

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