खुदा ने आदमी भी चीज क्या लोगों बनाई है
गमों के दायरे में आंख जिसकी मुस्कराई है
जिंदगी भी बहुत कुछ दे के उससे छीन लेती है
कभी कर्मों का धोखा है कभी किस्मत पराई है
गमों के दायरे में आंख जिसकी मुस्कराई है
जिंदगी भी बहुत कुछ दे के उससे छीन लेती है
कभी कर्मों का धोखा है कभी किस्मत पराई है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें